निठारी गाँव (सेक्टर 31, नॉएडा, उत्तर प्रदेश) के समयलाल यादव (49) को मंगलवार (30 मार्च 2021) सुबह छः बजे बाएं बाज़ू में दर्द उठा.
सात बजे के क़रीब घर वाले समयलाल यादव को जिला अस्पताल दिखाने ले गए - जहां डॉक्टर ने दर्द की दवा देने के बाद उसे कोरोना की "वैक्सीन"का टीका लगवाने की भी सलाह दे डाली!
यादव ने वहीं "वैक्सीन"लगवाने के लिए स्वयं को रजिस्टर भी करवा लिया; उसने रेजिस्ट्रेशन में अपने आपको रक्तचाप और मधुमेह का मरीज़ लिखवाया।
भारत की जनता पर कोरोना की ज़हरीली "वैक्सीनें"थोपने वाली क्रिमिनल मानसिकता के तहत किसी डॉक्टर ने उस वक़्त यादव को ये सलाह नहीं दी कि रक्तचाप और मधुमेह से ग्रसित होने के कारण उसे "वैक्सीन"नहीं लगवानी चाहिए!
उसी सुबह साढ़े दस बजे के क़रीब यादव को जिला अस्पताल में "वैक्सीन"का टीका लगा दिया गया.
घर लौटते ही - सवा ग्यारह बजे के क़रीब - यादव की तबीअत बिगड़ गई. शरीर कांपने लगा और मुंह से झाग आने लगी.
घर वाले यादव को लेकर फिर ज़िला अस्पताल भागे।
साढ़े ग्यारह बजे के क़रीब जब वो फिर ज़िला अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर ने यादव को जांचने के बाद कहा कि वो मर चुका है!
"अमर उजाला"की संलग्न रिपोर्टमें ये नहीं लिखा कि किसी डॉक्टर ने यादव को सलाह क्यों नहीं दी कि उसे रक्तचाप, मधुमेह और बाएं बाज़ू में दर्द के कारण "वैक्सीन"नहीं लगवानी चाहिए।
हाँ ये ज़रूर लिखा है कि उसे "वैक्सीन"इसलिए लगाई गई क्योंकि वो "गंभीर मरीज़"की श्रेणी में आता था!!
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https://www.amarujala.com/delhi-ncr/noida/noida-one-man-vaccinated-in-morning-died-in-after-noon-family-create-furor-in-hospital-doctors-say-postmortem-report-will-tell-the-truth